आचार्य श्रीराम शर्मा >> जीवन साधना प्रयोग और सिद्धि जीवन साधना प्रयोग और सिद्धिश्रीराम शर्मा आचार्य
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जीवन साधना प्रयोग और सिद्धि....
झाड़ियों की काट-छाँट करके एक सुन्दर उपवन बनाया जा सकता है और पत्थरों को तराशकर बढ़िया मूर्ति निर्मित की जा सकती है। जीवन और पंचभूतों की दृष्टि से मनुष्य एवं अन्य प्राणियों में कोई तात्विक भेद नहीं है, परंतु बुद्धि और समुन्नत चेतना के रूप में मनुष्य को ईश्वर का जो उपहार मिला है, उसकी सार्थकता अपना स्तर ऊँचा उठाते चलने और समाज के उत्कर्ष में योगदान देते रहने में ही है। इस सार्थकता की सिद्धि के लिए अपनायी जाने वाली रीति-नीति का नाम ही जीवन साधना है।
इस पुस्तक में निर्दिष्ट सूत्रों के अनुरूप अपने व्यक्तित्वों को सुसंस्कृत बनाने का प्रयास किया जाय, तो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में सुख-शांति तथा सुव्यवस्था लायी जा सकती है।
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